ड्रिवन- कहाणी विराट कोहली की हिंदी पुस्‍तक परिचय

विराट कोहली का आज के दौर में विश्‍व का निर्विवाद सम्राट बनाने वाली चीज क्‍या है| खेल के क्रमांक में जो ऊंचा स्‍थान पाया है, वह नहीं, बल्कि विपक्षी खेमे और अपने समय के दिग्‍गज खिलाडि़यों से मिली प्रशंसा ने उन्‍हें वह मुका़म दिया है, जिस पर वह आज हैं

ड्रिवन


कहाणी विराट कोहली की

लेखक- विजय लोकापल्‍ली

हिंदी अनुवादक

शैलेश चतुर्वेदी

 Review Hindi हिंदी पुस्‍तक परिचय Sports


Driven
The Virat Kohli  Story

Author- Vijay Lokappally

Hindi Translation by

Shailesh Chaturvedi


विराट कोहली का आज के दौर में विश्‍व का निर्विवाद सम्राट बनाने वाली चीज क्‍या है| खेल के क्रमांक में जो ऊंचा स्‍थान पाया है, वह नहीं, बल्कि विपक्षी खेमे और अपने समय के दिग्‍गज खिलाडि़यों से मिली प्रशंसा ने उन्‍हें वह मुका़म दिया है, जिस पर वह आज हैं |

हालांकि उनके परिवार को हमेशा खुशियां नहीं मिलीं| विराट ने खोने का दर्द देखा है|  मैदान और बाहरी दुनिया में सबसे बड़ा सहारा रहे उनके पिता को उन्‍होंने बहुत युवा उम्र में खो दिया| सेरेब्रल स्‍ट्रोक की वजह से पिता की मौत हो गई थी|  

पिता की मौत के बाद कोहली ने जो किया, उससे उनके पिता को बहुत गर्व होता| पिता की मौत के कुछ घंटे बाद ही वे अपनी पारी जारी रखने मैदान पर उतर गए थे|  भारतीय टीम के कप्‍तान अपनी खास निनम्रता के साथ पिता को याद करते हुए बताते हैं,

वही थे, जो हर दिन मुझे प्रैक्टिस के लिए लेकर जाते थे|’

विशाल पाठक वर्ग में पढ़े जाने वाले खेल पत्रकार विजय लोकापल्‍ली ने विराट कोहली के तेजी से अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर बड़ा स्‍टार बनने के सफर से जुड़े खुशनुमा लम्‍हों को याद किया है| इसमें उन्‍होंने साथी खिलाडि़यों, कोच या विराट के करीबियों से बात करके अनजानी या कम लोगों को पता कहानियों का ताना-बाना बुना है


३० साल की उम्र में विराट को अनगिनत उपलब्धियां और सम्‍मान हासिल हुए है, जिसमें अर्जुन अवॉर्ड, खेल रत्‍न, पद्मश्री, बीसीसीआई के इंटरनेशलन क्रिकेटर ऑफ ईयर और आईसीसी के वनडे प्‍लेयर ऑफ द ईयर शामिल हैं|  

लेकिन विराट के लिए यहां मामला पैसा बनाने, नाम बनाने, दर्शकों के हुजूम का शोर या हर उम्र की महिलाओं के ध्‍यान खींचने का नहीं रहा

कम लोग उनके परोपकारी स्‍वभाव और तमाम चैरिटीज के लिए उनके काम के बारे में जानते होंगे, जहां वे अंडर प्रिविलेज्‍ड बच्‍चों की मदद करते हां | ये सब तो वे लोगों की नजर से अलग करते हैं|  

जो बात लोगों को दिखती है, वह है बल्‍ले के इस बादशाह का जिम्‍मेदारी के भारी बोझ को इस कदर बासानी और मस्‍ती के साथ उठाना|

 

-वाचनालय | www.evachnalay.in

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